Monday, October 13, 2008

हे प्रभु!

है प्रभु! सिर्फ यही चाहत है मेरी....
किसी के एहसासों को मन से महसूस कर सकू,
यही तमन्ना है मेरी!
किसी के दुःख में आँखों में नमी आ सके,
तो किसी की ख़ुशी में ये लब मुस्कुरा सके......
किसी के जज्बातों को समझ सकू.......
और किसी को अपनी बातो से समझा सकू!
हे प्रभु! हाथो में इतनी शक्ति देना......
कि किसी गिरते हुए को संभाल सकू......
किसी के ज़ख्मो को छू कर महसूस कर सकू......
न रोता देख सकू किसी को.......
न कभी अनजाने में किसी के रोने का कारण बनू......
हे प्रभु! बस इंसान बन कर इंसान को समझ सकू.......
मन में प्यार, दया भावः, समर्पण, आँखों में विश्वास, और हाथो में शक्ति रहे.......
बस यही चाहत है मेरी......

7 comments:

masoomshayer said...

bahut khoob bhav hain apana ek sher yaad aa gaya

girte kisee shakhs ko agar too sambhale
mandir kee hifazat ho maszid ko bacha le

Anil

BrijmohanShrivastava said...

यह प्रार्थना अत्यन्त सुंदर है /वो प्रार्थनाए अच्छी नहीं होती जिनमे अपना ही सुख धन दौलत की कामना की जाती हो जैसे =सुख सम्पत्ती घर आवे कष्ट मिटे तन का / प्रार्थना तो ऐसी ही होना चाहिए जैसी आपने की है /किसी ने कहा है ""घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें ,किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जावे / ऐसी रचनाओं का हार्दिक स्वागत और बहुत बहुत बधाई

डाॅ रामजी गिरि said...

आपकी नेक प्रार्थना प्रभु साकार करें, मेरी यही शुभेच्छा है.

रश्मि प्रभा... said...

हर नेक इरादों पर प्रभु की कृपा दृष्टि होती है
किसी की तकलीफ को महसूस करना,उसे चाहना
अपने-आप में एक सच्ची पूजा है.......

!!अक्षय-मन!! said...

kash! bhagwaan aisi bhavnaaye sabke man main paida karta to aaj k samay mai sabhi sukhi hote ......
sab ek dusre ko samjh sakte swarthi na bante ek dusre ki madad karte
kash aisi chahat sabhi ki hoti sabhi aapki tarhan soch pate bahut hi marmik dashan hain bahut khubrani ji

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

aameen.......... aisi praarthna prabhu ke darbaar men kam hi aati hai .is liye aisi prarthanaon par ishwar zaroor dhyaan dega...
khush raho.

Unknown said...

wow!! di your composition shows the purity & how much care for others you have!!.... its a mirror of your soft & caring heart..!!