Friday, November 14, 2008

"प्यार" कल और आज

आज एक गीत याद आ रहा है.....
जब भी जी चाहे नयी दुनिया बसा लेते है लोग.....
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते है लोग !
आज लोग प्यार का दम भरते है....
I LOVE U बोल कर प्यार का इज़हार करते है!
3 शब्दों में सिमट जाये ये वो बात नहीं है......
छूने स मिल जाये ये वो एहसास नहीं है!
दो लोग अनकही बातो को समझ जाये......ये वो एहसास है,
दूर दूर होने पर भी लगता है..........कि वो पास है!
खामोशी ही सब कुछ कह जाती है.......
आँखों ही आँखों में बात हो जाती है.......
बिन छुए ही उसकी खुशबू साँसों में आती है........
साथ न होते हुए भी उसके साथ का एहसास दिलाती है!
पर आज प्यार की परिभाषा बदल स गयी है........
MOBILE पर प्यार हो जाता है........
SMS में इज़हार हो जाता है....
LIVE-IN-RELATIONSHIP प्यार कहलाता है.......
आज किसी से तो कल किसी और से हो जाता है........
इस तरह जीवन में न जाने कितनी बार "प्यार" हो जाता है!!

Tuesday, November 4, 2008

ज़िन्दगी......

उलझनों से भरी है ये जिंदगानी....
एक दिन होठो पे हंसी तो......
तो दूजे दिन आँखों में पानी!
कभी राहें अनजानी.....
तो कभी जानी पहचानी!
कभी सफ़र मुश्किल.....
तो कभी मंजिल बेमानी!
कभी राह में किसी साथी का मिलना....
तो कभी अपनों का बीच राह में छोड़ जाना!
पर फिर भी लहरों से चली जा रही है ये ज़िन्दगी......
कभी ऊपर...., कभी नीचे,.....
कभी गतिमय......, तो कभी एक चुप सा ठहर.......!
लहरों की गति को नापना बड़ा मुश्किल है,
ज़िन्दगी की अनिश्चितताओं से भरी हुई......
कभी रूकती.....,
कभी बहती.......,
रिश्तों में बंधी सी हुई......
दो किनारों में बंटी सी हुई.....
ख़ुशी के पलों में कल-कल कलरव करती.....
कभी भयावह तूफ़ान का रूप लेती......
तो कभी सब्र का बाँध तोड़ निकल नक़ल जाती.....
हर चीज़ को खुद में समेटते हुए.......
ज़िन्दगी को अंत की ओर धकेलती......
आँखों में फिर वही ज़िन्दगी जीने की चाह......
वही मोत् का भय.......
वही डर......